कोरोना महामारी के बीच बढ़ा ऑनलाइन फार्मेसी का बिज़नेस

Online pharmacy business increased amid Corona epidemic

देश में कोरोना वायरस (Corona Virus India) का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस बीमारी के कारण फैली वैश्विक महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को बहुत ही ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने बेरोजगारी (Unemployeement) के हालात पैदा कर दिए हैं। संक्रमण की इस लहर में कई काम ऐसे भी हैं जिनकी डिमांड बहुत तेजी से बढ़ी है। इस महामारी के दौर में दवाइयों, मेडिकल उपकरणों और सप्लीमेंट्स की मांग की वजह  से ई-फॉर्मेसी (E-pharmacy) के बिजनेस को नई रफ्तार प्राप्त  हुई है। ऑनलाइन मेडिकल स्टोर (Online Medical Store) से लोगों की खरीदारी में भी काफी तेजी आई है। ऑनलाइन फार्मेसी (Online Pharmacy) चलाने वाली कंपनियों का बिजनेस 25 से 65 फीसदी तक बढ़ गया है। दवाओं, हेल्थ सप्लिमेंट्स, मेडिकल उपकरणों, मास्क और पीपीई की खरीदारी भी काफी अधिक हो रही है।

 

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दवाओं, ऑक्सीमीटर और सप्लीमेंट्स की मांग बढ़ी

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्यों में लगातार बढ़ते लॉकडाउन और संक्रमण दर की वजह से लोग दवा दुकानों पर जाकर खरीदारी करने के बजाय ऑनलाइन स्टोर से दवा मंगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। ऑनलाइन फार्मेसी 1mg के मुताबिक कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डॉक्सजी और फेबिफ्लू की बिक्री अप्रैल में मार्च की तुलना में 40-50 फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा कोरोना से बचाव के लिए जरूरी मास्क, पीपीई और दूसरी चीजों की बिक्री में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। 1mg के को-फाउंडर और सीईओ, प्रशांत टंडन के मुताबिक ग्राहक दवाएं लेने और टेस्ट करवाने के लिए केमिस्ट की दुकानों और डायग्नोस्टिक सेंटर पर जाने से बच रहे हैं क्योंकि इससे संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है। इस वजह से वे दवाओं की ऑनलाइन खरीदारी अधिक कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वर्ष ऑनलाइन फार्मेसी कंपनियों के बिजनेस में अच्छी तेजी आएगी। EY का अनुमान है कि देश में ऑनलाइन फार्मेसी बिजनेस 2023 तक बढ़कर 2.7 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जो 2019 में 36 करोड़ डॉलर पर था।